
मणिभूषण ठाकुर की विशेष रिपोर्ट
अररिया : जहां एक ओर सरकार वन संरक्षण व वृक्षारोपण को लेकर तरह तरह के योजनाओं पर प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर पेड़ों की कटाई में अप्रत्याशित वृद्धि होना निश्चित ही पर्यावरण हित में शुभ संदेश नही है। पेड़ो की कटाई चिराई अवैध रूप से ना हो इसलिए जनहित में सरकार नए आरामशीन लगाने के लिए अनुज्ञप्ति निर्गत पर पाबंदी लगा चुकी है। इसी क्रम में नरपतगंज के फरही पंचायत में बेरोकटोक कथित अवैध आरामशीन का संचालन होना विभाग के उदासीनता का ज्वलन्त उदाहरण दे रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार फरही पंचायत के शर्मा टोला में चार आरामशीन का संचालन वर्षों से हो रहा है। घनी आबादी के बीच चल रहे आरामशीनों के संचालकों के द्वारा निर्भीक रूप से संचालन निश्चित रूप से वन विभाग पर सवाल खड़े कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने नाम नही छापने के शर्त पर बताया कि विभाग के मिलीभगत से इन मशीनों का संचालन हो रहा है दिन भर छोड़ त्योहार व मेले के समय रात भर चल रहे मशीनों से हमलोग ठीक से सो नही पाते हैं।
वहीं इस बाबत रेंजर वनेश्वर पाठक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मैं नया ही आया हूँ शायद आरामिल अवैध है,संसाधन व फंड के अभाव में कार्रवाई नही हो पा रही हैं,जैसे ही फंड आता है वैसे ही आरामशीनो को उखाड़ा जाएगा व संचालकों पर कार्रवाई की जायेगी।
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